#पहचान_प्रभु_की कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए। उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल पाए गए जो कबीर परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार दोनों धर्मों ने आपस में लेकर मगहर में 100 फुट के अंतर से एक-एक यादगार बनाई जो आज भी विद्यमान है। यह दोनों धर्मों हिंदुओं और मुसलमानों में आपसी भाईचारे व सद्भावना की एक मिसाल का प्रमाण है। गरीब, बिरसिंघ बघेला करै बीनती, बिजली खाँन पठाना हो। दो चदरि बकसीस करी है, दीना यौह प्रवांना हो
#गुरुनानकजी_के_गुरु_कौन #Hakka_Kabir_KarimTu #हक्काकबीर_करीम_तू#gurugranth श्री नानक देव जी का गुरु जी कौन था ? भाई बाले वाली जन्म साखी (हिन्दी भाषा वाली) के पृष्ठ 280-281 ‘‘साखी और चली’’ में श्री नानक जी ने कहा है कि ‘‘मर्दाना ! मुझे उस ईश्वर ने इतना बड़ा गुरु मिलाया है जो करतार का ही रूप है। मर्दाने ने कहा हे महाराज ! जिस गुरु का आपने जिक्र कअग्नि तथा पथ्वी उसी की आज्ञा में चल रहे हैं। उसी को बाबा
इस्कॉन भक्तों का मानना है कि ‘हरे कृष्ण’ मंत्र ही मोक्ष का मार्ग है, लेकिन गीता के अनुसार यह मनमानी पूजा है। श्रीकृष्ण ने स्वयं किसी अन्य परमेश्वर की शरण में जाने का निर्देश दिया था। ब्रह्मा, विष्णु, महेश केवल तीन लोकों के स्वामी हैं। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें "ज्ञान गंगा"।
अल्लाह का नाम कबीर है! हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि हे पैगम्बर! उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi
आत्महत्या करने से दुखों से मुक्ति नहीं मिलती बल्कि जन्म-मृत्यु का चक्र सदा के लिए बना रहता है फिर उसी तरह मानव जीवन में दुखी रहेंगे। जबकि गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा गया है कि यदि परम शांति और सनातन परम धाम (सुखसागर सतलोक) की प्राप्ति करनी है तो पूर्ण परमात्मा की शरण में जाओ।
Followers of Sant Rampal Ji रक्तदान महादान मानवहित में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायियों ने सतलोक आश्रम बैतूल, मध्यप्रदेश में 490 यूनिट रक्तदान कर समाज सेवा का अनुपम उदाहरण पेश किया।
सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब) में 11, सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब) में 2, सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में 7 व सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में 9 सहित देश के 10 सतलोक आश्रमों में संत रामपाल जी महाराज के दहेज मुक्त भारत अभियान के तहत बीते दिनों सैंकड़ों जोड़ों के दहेज मुक्त विवाह संपन्न हुए।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस आज से 511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने तीन दिन "दिव्य धर्म यज्ञ" का आयोजन किया था। जिसमें 18 लाख से अधिक साधु, संतों व लोगों ने मोहन भंडारा किया था। वही इतिहास बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य में पुनः रचा जा रहा है। 14 से 16 नवंबर 2024 को 11 सतलोक आश्रमों में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 'दिव्य धर्म यज्ञ दिवस' का
कबीर-मुरगी मुल्लासों कहै, जबह करत है मोहिं। साहब लेखा माँगसी, संकट परि है तोहिं।। भावार्थ: जिस समय बकरी को मुल्ला मारता है तो वह बेजुबान प्राणी आँखों में आंसू भर कर म्यां-म्यां करके समझाना चाहता है कि हे मुल्ला मुझे मार कर पाप का भागी मत बन। जब परमेश्वर के न्याय अनुसार लेखा किया जाएगा उस समय तुझे बहुत संकट का
#संतरामपालजी_की_जनहित_सेवा #India#indian हमारे समाज में जीवों के साथ क्रूरता आज एक जटिल समस्या बन चुकी है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की छवि पशु प्रेमी के रूप में भी उभरकर सामने आई है। उनका कहना है कि जीव हिंसा भगवान का आदेश नहीं है। इस विषय में कबीर परमेश्वर ने कहा है:
कबीर-जीव हनै हिंसा करै, प्रगट पाप सिर होय। निगम पुनि ऐसे पाप तें, भिस्त गया नहिं कोय।।
Factful Debates YouTube Channel श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा की दरिद्रता को समाप्त कर उनका महल बना दिया था। जबकि कबीर जी ने तैमूरलंग की दरिद्रता को समाप्त कर सात पीढ़ी का राज्य प्रदान किया था। इतिहास साक्षी है कि तैमूरलंग से लेकर औरंगजेब तक उसकी सात पीढ़ी ने भारत पर शासन कि
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